
सीएम त्रिवेन्द्र को शादी में बुलाना पड़ा भारी, हुआ निष्कासन
पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को मुख्यमंत्री को अपने बेटे की शादी में बुलाने पर पार्टी से निष्कासन का परिणाम मिला। जी हां, मुख्यमंत्री को अपने बेटे की शादी में बुलाने की सजा पार्टी से निष्कासन के रूप में मिली।
रविवार को शिवालिकनगर स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश महासचिव नत्थू सिंह, सतीश कुमार सिंह, सूरजमल व जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक शहजाद ने पार्टी का भरोसा तोड़ा है।
बसपा पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व विधायक ने पार्टी को गुमराह करने का काम किया है। वे भाजपा के संपर्क में बने रहे। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से पूर्व की गलतियों की माफी मांगी थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल किया गया था। पूर्व विधायक को चार साल में तीसरी बार निष्कासित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक की अभी भी भाजपा से नजदीकी है।
उन्होंने कहा कि शहजाद ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके सरकार के सहयोगियों को अपने यहां पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत बुलाया। यह पार्टी के साथ विश्वासघात है। वे पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। इसे नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। इस दौरान पूर्व विधायक हरिदास भी मौजूद रहे।
अपने निष्कासन के सवाल पर पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि उन्होंने कोई ऐसा कार्य नहीं किया जो बसपा के हितों के विपरीत हो। वे 25 जून को बसपा में फिर से शामिल हुए थे। इस बीच कौन सा चुनाव हुआ, जिसमें उन्होंने पार्टी के विपरीत काम किया है, यह बसपा बताए। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे प्रेसवार्ता कर आरोपों का जवाब देंगे।
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